My Fifteenth poetry .!
हाय दोस्तो यह हमारी पंद्रहवीं कविता है जो पूज्यनीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के चरणों में समर्पित है ।
हे परम पूज्य आपके चरणों में,
मैं कोटि प्रणाम नमन करूँ ।
जिस धरती पर आपने जन्म लिया,
उस धरती को मैं नमन करूँ ।
इस देश के सच्चे भक्त थे आप,
इस भक्ति को मैं नमन करूँ ।
हे परम पूज्य आपके चरणों में,
मैं कोटि प्रणाम नमन करूँ ।
जब जब तिरंगा फहरायेगा ,
तो याद आपकी आयेगी ।
इन यादों को याद करके,
बस आंखें आंसू बहायेंगी ।
आपकी यादों को भी मैं ,
कोटि प्रणाम नमन करूँ ।
मैं सन्दीप सच्चे दिल से ,
आपको श्रद्धांंजलि अर्पण करूँ ।
हे परम पूज्य आपके चरणों में,
मैं कोटि प्रणाम नमन करूँ ।।
Sandeep kumar
Done
Great lines sirji, keep up the good work.
अपनी कविता के माध्यम से अटलजी कहते थे,
गूँजी हिन्दी विश्व में,
स्वपन हुआ साकार।
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिन्दी का जयका र।
हिन्दी का जयकार,
हिन्द हिन्दी में बोला।
देख स्वभाषा प्रेम,
विश्व अचरज से डोला।
#AtalJiGreatLeader
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Kya bat h sir very nice lines.. 👌🏻
I like your comment sir
Thanks all of
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Nice lines.. Keep it up.
बहुत बढ़िया
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KAISE HO UPP. NEW POST DALIYE
Wonderful keep doing hard you have full support from @thenuclear
Thanks
He is great person of India
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achch likha.
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