अपनी कविता के माध्यम से अटलजी कहते थे,
गूँजी हिन्दी विश्व में,
स्वपन हुआ साकार।
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिन्दी का जयका र।
हिन्दी का जयकार,
हिन्द हिन्दी में बोला।
देख स्वभाषा प्रेम,
विश्व अचरज से डोला।
#AtalJiGreatLeader
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Kya bat h sir very nice lines.. 👌🏻
I like your comment sir
Thanks all of
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