You are viewing a single comment's thread from:
RE: क्षमा वीरस्य भूषणम् (भाग # १) | Heroes Pride Forgiveness (Part # 1)
मेरे ख्याल से इसे गाँधीगिरी नहीं कहते है. गांधीगिरी में तो हम प्रेम से अपनी बात कहते है न कि क्षमा मांगते और देते है. गांधीगिरी में बिना कोई हिंसा किये अपनी बात सामने वाले को समझानी होती है.