You are viewing a single comment's thread from:RE: मानवता संरक्षण का अस्त्र : अहिंसा (अन्तिम भाग # ५ ) | The War of Humanitarian Conservation : Non-violence (Final Part # 5)View the full contexthimanshurajoria (20)in #life • 6 years ago (edited)छल- कपट, द्वेष, हिंसा, को बढ़ता देख 'वो' बेबस दूर खड़ी हो रही है। अपने अस्तित्व की गुहार लगाती 'इंसानियत' धीरे धीरे लुप्त हो रही है।