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RE: क्षमा वीरस्य भूषणम् (भाग # १) | Heroes Pride Forgiveness (Part # 1)
@mehta सही बोल रहे हैं पर आज के समय में यह देखा गया है कि यदि आप किसी को क्षमा कर देते हैं तो वह उसे ऐसा लगता है कि हम कमजोर है तो क्षमा हर जगह किया जाना उचित नहीं है
क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दंतहीन
विषरहित, विनीत, सरल हो।
जहाँ आपको उचित लगे, वहां तो क्षमा कीजिए. शरुआत तो कीजिए, फिर देखिए हमारी दुनिया में क्या-क्या बदलाव होते है. आपको क्षमा करके अच्छा लगेगा और साथ ही शांति का अनुभव होगा, जो की सबसे महत्तवपूर्ण है.
Thanks for advice, Sir .Plz try to blog about how to achieve peace of mind heart and soul .
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