कर्म का प्रतिकूल फल के लिए अनुराग:
कृष्ण ने यह बताया कि व्यक्ति को कर्म करने में लगने की चाहिए, परन्तु फल के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि कर्मयोगी को कर्म करते समय भी फल की आसक्ति नहीं होनी चाहिए।
कृष्ण ने यह बताया कि व्यक्ति को कर्म करने में लगने की चाहिए, परन्तु फल के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि कर्मयोगी को कर्म करते समय भी फल की आसक्ति नहीं होनी चाहिए।