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चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन ने कहा कि वह शिक्षा विभाग की ओर से हर्षित शर्मा पर गूगल में जॉब पर की गई आधिकारिक घोषणा की जांच करेगा। हाल में 29 जुलाई को चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग ने घोषणा की थी कि हर्षित शर्मा का गूगल में बतौर ट्रेनी के तौर पर चुना गया है। साथ में हर्षिक का पैकेज हर महीने 4 लाख रुपये का होगा। हर्षित शर्मा कुरुक्षेत्र का रहने वाला है । अभी उसने सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-33 से अपना स्कूल पूरा किया है। घोषणा में कहा गया था कि हर्षित को गूगल ने बतौर ग्राफिक डिजाइनर के पद पर सिलेक्ट किया है। साथ ही हर्षित की ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उसका पैकेज हर महीने 12 लाख रुपये का हो जाएगा।
गूगल ने कहा हमने कोई ऑफर नहीं दिया
गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास इस बात की कोई सूचना ही नहीं है कि हमने हर्षित शर्मा को कोई ऑफर दिया है। गूगल ने कहा कि हमने ऐसा कोई ऑफर किसी को नहीं दिया। बता दें कि मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक 16 वर्षीय किशोर हर्षित शर्मा की काफी चर्चा की जा रही थी। हर्षित के बारे में दावा किया जा रहा था कि उसे गूगल की तरफ से सालाना 1.44 करोड़ रुपये की सैलरी पर डिजाइनर बनने का ऑफर मिला है। यूटी शिक्षा विमाग के सेकेट्ररी ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा की गई घोषणा मेरे नोटिस में नहीं की गई। मैंने डायरेक्टर से भी कहा था कि इस बात की पहले जांच करें। स्कूल शिक्षा के डायरेक्टर रूबिनदरजीत सिंह बरार ने कहा मुझे याद है कि स्कूल की प्रिंसिपल ने मुझे अपने स्कूल के लड़के की उपलब्धि पर मुझे सूचित किया था। लेकिन मैंने मीडिया को दी गई प्रेस रिलीज नहीं देखी थी। इस पूरे वाक्या के लिए स्कूल की प्रिंसिपल जिम्मेदार है। हालांकि जब इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल इंद्रा बेनीवाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह लड़का इसी साल हमारे स्कूल से पास आउट हुआ है और उसने स्कूल में आकर यह जानकारी दी थी कि उसे गूगल की तरफ से ऐसा ऑफर मिला है। हर्षित ने वॉट्सऐप पर अपने रिक्रूटमेंट का ऑफर लेटर भी भेजा था लेकिन वह बाद में मुझसे गलती से डिलीट हो गया।
हर्षित के दादा ने कहा किसी ने किया गंदा मजाक
इसी बीच हर्षित और उसके परिजन अपने घर से गायब हैं। हर्षित के दादा प्रेम चंद शर्मा ने कहा कि किसी उनके साथ बहुत ही गंदा मजाक किया है। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले हर्षित को उसके फोन पर उसके सिलेक्शन का मैसेज आया था। जब उसने वापिस उस नंबर पर कॉल की तो वह नंबर पहुंच से बाहर था। जब हमने हर्षित के स्कूल वालों से पूछा तो वह हर्षित की उपलब्धि के लिए उसे बधाई देने लगे थे। हमें नहीं पता था कि यह सब फेक था। हालांकि हर्षित के फेसबुक पेज पर लिखा है कि वह कैलिफोर्निया में रहता है और गूगल में काम करता है। हालांकि गूगल ने बताया कि वह किसी स्कूल के छात्र को रिक्रूट नहीं करता है।
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