'गीता में लिखा है अपनी पीडा के लिए संसार को दोष मत दीजिए अपने मन ,...........
'गीता में लिखा है अपनी पीडा के लिए संसार को दोष मत दीजिए अपने मन को समझाओ तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुखों का अंत है!'."
'गीता में लिखा है अपनी पीडा के लिए संसार को दोष मत दीजिए अपने मन को समझाओ तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुखों का अंत है!'."