है कुछ दोस्त मेरे जो वक्त की तंगी से नाराज है मेरे ना .......
है कुछ दोस्त मेरे जो वक्त की तंगी से नाराज है मेरे ना चाहते हुए भी दूरहूंमैं वो दिल के बहुत करीब है मेरे न पूछी कि कैसे गुजर जाता है दिन बस पूरी ताकत से हालातों से लड़ रहे हैं यार
है कुछ दोस्त मेरे जो वक्त की तंगी से नाराज है मेरे ना चाहते हुए भी दूरहूंमैं वो दिल के बहुत करीब है मेरे न पूछी कि कैसे गुजर जाता है दिन बस पूरी ताकत से हालातों से लड़ रहे हैं यार