बहेड़ा-तंत्र

in #tantra2 years ago

download (1).jpeg

आयुर्वेद में बहेड़ा को बड़ा गुणकारी माना गया है। तंत्र प्रयोग में भी इसका
बहुत अधिक महत्त्व है। मनीषियों ने इसके संबंध में बताया है कि यदि वनस्पति-
तंत्र के नियमानुसार, पूर्व निमंत्रण देकर रवि पुष्य योग में इसे लाया जाए, तो इससे
अनेक प्रकार के प्रयोग सिद्ध किए जा सकते हैं। कुछ प्रयोगों का उल्लेख नीचे
किया जा रहा है।
मंत्र- सिद्ध किया बहेड़ा का पत्र (पत्ता) और मूल (जड़) भंडार, तिजोरी,
संदूक या गल्ले में अथवा घर के किसी पवित्र स्थल (पूजागृहादि) में रखने से
धन-धान्य की वृद्धि होती जाती है। व्यापारिक कार्यों में तेजी आती है, समृद्धि होती
है। बहेड़ा का यह बहुत ही सहज और प्रभावशाली प्रयोग है।
→ उदर-संबंधी विकारों के निवारण में बहेड़ा का मूल आश्चर्यजनक प्रभाव
दिखाता है। बहेड़ा को अभिमंत्रित केरके, रोगी व्यक्ति भोजन करते समय, उसे
अपनी दाहिनी जंघा के नीचे दबाकर बैठे। ऐसी स्थिति में किया गया भोजन
सुपाच्य और पोषक बनकर, आरोग्य प्रदान करता है। बहेड़ा को अभिमंत्रित करने
की विधि यह है—पूर्व निमंत्रण देकर और रवि पुष्य योग में पत्र और मूल लेते
समय निम्न मंत्र का जप करना चाहिए—
ॐ नमः सर्व भूताधिपतये ग्रस ग्रस शोषय भैरवीं चाज्ञायति स्वाहा ।
घर ले आने पर पंचामृत से स्नान कराकर, धूप-दीप से विधिवत् उनकी पूजा
करें। इस समय भी उपरोक्त मंत्र का जप करते रहें और प्रयोग के समय मंत्र का 21
माला जप करें तथा 21 बार आहुति देकर हवन-क्रिया करें। इस विधि से पूजित
बहेड़ा का पत्र और मूल अद्भुत शक्ति से संपन्न हो जाते हैं। बहेड़ा का पत्र तो
अनेक प्रकार की भौतिक-बाधाओं के निवारण में बहुत समर्थ-सिद्ध हुआ है। यह
जिस घर में रखा होगा, वहां भूत-प्रेत, टोना-टोटका और मूठादि का कोई उपद्रव
नहीं हो पाएगा।

Coin Marketplace

STEEM 0.11
TRX 0.23
JST 0.030
BTC 79133.50
ETH 1554.93
USDT 1.00
SBD 0.65