भूख
वह अपनी कविताओं और गीतों से लोगों को प्रेरित करता था...उसके गीत...उसकी
कविता लोग बड़े चाव से पढ़ते... उसकी कविताओं पर न जाने कितने लोगों ने
पीएचडी किया...सभा-सेमिनार में उसे सुनने के लिए भीड़ जमा हो जाती...एक
दिन उसने एक बच्चे को रोते देखा...बच्चा भूखा था और रोटी के लिए रो रहा
था... उसने बच्चे को अपनी ढेरों कविताएं सुनाईं...कई गीत गाए लेकिन बच्चा
रोता ही रहा....
और उस दिन के बाद से उसने लिखना छोड़ दिया है...
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