'" हे अर्जुन! व्यक्ति ..................
'" हे अर्जुन! व्यक्ति के कर्म ही उसके भाग्य का निर्माण कर रहे हैं, अर्थात जो आप अभी कर रहे हैं, आज जो करने जा रहे हैं, उसका फल आपको भविष्य में मिलने वाला है|
'" हे अर्जुन! व्यक्ति के कर्म ही उसके भाग्य का निर्माण कर रहे हैं, अर्थात जो आप अभी कर रहे हैं, आज जो करने जा रहे हैं, उसका फल आपको भविष्य में मिलने वाला है|