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शास्त्रों के अनुसार~7 अगस्त 2017 रक्षाबंधन व ग्रहण स्थिति
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण: भारत समेत यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका के ज्यादातर एरिया में ।
इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे एक मिनट होगी आंशिक ग्रहण की अवधि 1 घंटे, 55 मिनट है।ग्रहण का समय
खंडच्छायायुक्त ग्रहण शुरू:
7 अगस्त, 21:20:01 pm IST
आंशिक ग्रहण : 7 अगस्त, 22:52:56 pm IST
अधिकतम ग्रहण: 7 अगस्त, 23:50:29 pm IST
आंशिक ग्रहण समाप्त:
8 अगस्त, 00:48:09 am IST
खंडच्छायायुक्त ग्रहण समाप्त:
8 अगस्त, 02:20:56 am IST
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21 अगस्त (सोमवार) , 2017
भारत की स्थिति👉👉👉
राखी बांधने से पहले बहन करे यह काम, बढ़ेगी भाई की उम्र
7 अगस्त सोमवार को रक्षा बंधन के शुभ पर्व पर खंडग्रास ‘चूड़ामणि’ चंद्र ग्रहण लग रहा है जो सारे भारत में दिखाई देगा। 1 घंटे 57 मिनट का यह ग्रहण रात्रि 10 बज कर 52 मिनट पर प्रारंभ होकर रात 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा, इस ग्रहण का सूतक दोपहर एक बज कर 52 मिनट पर प्रारंभ होगा। रक्षा बंधन के पर्व पर यदि संक्रांति ग्रहण आदि भी हो तो उसका विचार नहीं करने का शास्त्र मत है, परंतु भद्रा इस दिन प्रात: 11 बज कर 5 मिनट तक रहेगी, इसके बाद राखी पर्व मनाया जा सकता है।
सावन की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के पूजन का विधान है। जो व्यक्ति विधिपूर्वक पूजन करता है, वह दीर्घायु होता है। शायद इसिलिए बहनें भोले नाथ को प्रसन्न कर अपने भाई के लिए लंबी उम्र और समस्त सुखों का वरदान मांगती हैं।
राखी बांधने से पहले राशि के अनुसार बहन करे यह काम, बढ़ेगी भाई की उम्र
मेष: गणेश जी को राखी बांधकर दूब अर्पित करें।
वृष: भगवान शिव को राखी बांधकर जल धारा अर्पित करें।
मिथुन: सूर्य देव को अर्घ्य दें, देवी को सिंदूर लगाकर राखी अर्पित करें।
कर्क: गणेश जी को राखी बांधकर बेल पत्र अर्पित करें।
सिंह: भगवान शिव को चन्दन चढ़ाने के बाद राखी बांधे।
कन्या: हनुमान जी को राखी बांधे और लाल फूल चढ़ाएं।
तुला: श्रीकृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप को माखन मिश्री का भोग लगाकर राखी बांधे।
वृश्चिक: पीपल देव पर जल अर्पित कर दीपदान करें, फिर डाल पर राखी बांधे।
धनु: भगवान शिव को इत्र और जल चढ़ाकर राखी बांधे।
मकर: श्री कृष्ण को हल्दी का तिलक लगाने के बाद राखी बांधे।
कुम्भ: हनुमान जी को लाल रंग का फूल चढ़ाकर राखी बांधे।
मीन: भगवान शिव को दही और जल चढ़ाकर राखी बांधे।
ध्यान रखें- जब रक्षा सूत्र बांधा जाता है तो यह मंत्र उच्चारित किया जाता है –
” ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल ”
अर्थात – जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षा बन्धन से मैं तुम्हें बांधती हूं जो तुम्हारी रक्षा करेगा।
धन्यवाद
प्रहलाद सिंह डांगरा
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