आपके कर्म बताते हैं कि आप क्या हो।
आपके कर्म बताते हैं कि
आप क्या हो।
अगर आपके कर्मों में
अज्ञान है और मूर्खता है
तो काहे अपने आप को
आध्यात्मिक बोलकर
अध्यात्म का अपमान कर रहे हो?
और अगर आपके कामों में
बोध है, प्रकाश है
तो आप अपने आप को
आध्यात्मिक बोलें कि न बोलें,
आप आध्यात्मिक हैं।