Ek shertulamtullu (49)in #prameshtyagi • 7 years ago कभी ख़ुद रूठ जाता है, कभी मुझको रुलाता है हमारा यार पर अक़्सर, हमीं को गुनगुनाता है मुहब्बत की अगर बारिश, कहीं मुझको भिगोए तो वहीं आके सनम मेरा, फुहारों में नहाता है #hindi #sher