बचपन की कहानियां...rashmityagi (48)in #prameshtyagi • 7 years ago हठ कर बैठा चांद एक दिन माता से यह बोला सिलवा दो मां मुझे ऊनका मोटा एक झिंगोला सन सन चलती हवा रात भर जाडै से मैं मरता हूं ठिठुर ठिठुर किसी तरह मैं यात्रा पूरी करता हूं आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का नए हो अगर तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का #bachpan #ki #kahaniya