'उसने कितनी ही प्रेम कविताएँ लिखीं चढ़कर उपमाएँ दी फिर भी उसने............
'उसने कितनी ही प्रेम कविताएँ लिखीं चढ़कर उपमाएँ दी फिर भी उसने किसी रिश्ते के लिए; प्रेम को शर्त नहीं बनाया क्योंकि, वह जानता था कि प्रेम की शर्त समाज से प्रेम को ख़त्म कर देगी|