hindi shayri

in #poem7 years ago

आग सूरज में होती है जलना ज़मीन को परता हैं
मोब्बत निगाहैं करती हैं तरपना दिल को परता हैं


साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते ,
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है , सपने टूटा नहीं करते


Tere Chehere Pe Mere Noor Hogi
Phir Na Tu Mujhse Kabhi Door Hogi,
Soch Kya Khushi Milegi Uspal Meri Jaan,
Jab Tere Mang Pe Mere Naam Ka Sindur Hogi

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ज्योति जी तरपना नहीं तड़पना और परता नहीं पड़ता होता है। post quality Content and keep growing on this amazing platform...

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