एक युवा की अभिलाषा POEM IN HINDI

in #poem5 years ago

एक युवा की अभिलाषा

चाह नहीं मैं बनूँ डॉक्टर
मरीज़ों से पीटा जाऊं,
चाह नहीं बन आई. ए. एस.
स्कैमों में लपेटा जाऊं,
चाह नहीं बन पति किसी का
जीवन भर रोता जाऊं,
चाह नहीं बन इंजीनियर
चोरी में पकड़ा जाऊं,
मुझे बनाकर एक एम. एल. ए.
उस होटल में देना तुम फेंक,
मंत्रिपद के ऑफर लेकर
नेता आएं जहाँ अनेक...!!

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