एक युवा की अभिलाषा POEM IN HINDI
एक युवा की अभिलाषा
चाह नहीं मैं बनूँ डॉक्टर
मरीज़ों से पीटा जाऊं,
चाह नहीं बन आई. ए. एस.
स्कैमों में लपेटा जाऊं,
चाह नहीं बन पति किसी का
जीवन भर रोता जाऊं,
चाह नहीं बन इंजीनियर
चोरी में पकड़ा जाऊं,
मुझे बनाकर एक एम. एल. ए.
उस होटल में देना तुम फेंक,
मंत्रिपद के ऑफर लेकर
नेता आएं जहाँ अनेक...!!