My First Poem... Chalte Chalte...

in #poem6 years ago

चलते चलते इतनी दूर आ गए कि पता नहीं चप्पल कहाँ उतारी थी ,

हमको तो बस चलते जाना था

जैसा माहौल मिला उसमें ढलते जाना था

देखने को दूनिया सारी थी

चलते चलते इतनी दूर आ गए कि पता नहीं चप्पल कहाँ उतारी थी

पहले तो...... किताबों से लव था, फैशन से भी दूरी थी

बाद में .......ऐसा जकड़ा इसकी बेड़ियों ने फैशन करना मज़बूरी थी

बस ऐसे ही मुरझा गए वो फूल जिनकी खिलती कभी क्यारी थी

चलते चलते इतनी दूर आ गए कि पता नहीं चप्पल कहाँ उतारी थी...... main-qimg-639dbc470474e3289935dafab6a620d6-c.jpg

Coin Marketplace

STEEM 0.16
TRX 0.17
JST 0.029
BTC 69187.87
ETH 2486.25
USDT 1.00
SBD 2.53