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My friend Imran
लिखने वाले ने क्या खूब लिखा है....
गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही,
दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नहीं...।।
तू मुझे औऱ मैं तुझे इल्जाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही..।।
गलतफमियों ने कर दी दोनो मे पैदा दूरियां,
वरना बुरा तूभी नही, मैं भी नही....।।
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