लड्डू गोपाल जी की लीलाsteemCreated with Sketch.

in #photo6 years ago (edited)

 

एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्रीकृष्ण की ओर दौड़ी । जब प्रभु ने अपनी मैया को क्रोध में देखा तो वह अपना बचाव करने के लिबएभागने लगे । भागते-भागते श्री कृष्ण एक कुम्हार के पास पहुँचे । कुम्हार तो अपने मिट्टी के घड़ेबनाने में व्यस्त था । लेकिन जैसे ही कुम्हार ने श्री कृष्ण को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ । कुम्हारजानता था कि श्री कृष्ण साक्षात् परमेश्वर हैं । तब प्रभु ने कुम्हार से कहा कि 'कुम्हार जी, आज मेरीमैया मुझ पर बहुत क्रोधित है । मैया छड़ी लेकर मेरे पीछे आ रही है । भैया, मुझे कहीं छुपा लो । तब कुम्हार ने श्री कृष्ण को एक बडे से मटके के नीचे छिपा दिया । कुछ ही क्षणों में मैया यशोदा भी वहाँ आ गयींऔर कुम्हार से पूछने लगी - 'क्यूँ रे, कुम्हार ! तूने मेरे कन्हैया को कहीं देखा है, क्या ?'कुम्हार ने कह दिया - 'नहीं, मैया ! मैंने कन्हैया को नहीं देखा ।' श्री कृष्ण ये सब बातें बडे से घड़े के नीचे छुपकर सुनरहे थे । मैया तो वहाँ से चली गयीं ।अब प्रभु श्री कृष्ण कुम्हार से कहते हैं - 'कुम्हार जी, यदि मैया चली गयी हो तो मुझे इस घड़े से बाहर निकालो ।'कुम्हार बोला - 'ऐसे नहीं, प्रभु जी ! पहले मुझे चौरासी लाख यानियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो ।'भगवान मुस्कुराये और कहा - 'ठीक है, मैं तुम्हें चौरासी लाख योनियों से मुक्त करने का वचन देता हूँ । अब तो मुझेबाहर निकाल दो ।'कुम्हार कहने लगा - 'मुझे अकेले नहीं, प्रभु जी ! मेरे परिवार के सभी लोगों को भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन सेमुक्त करने का वचन दोगे तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकालूँगा ।'प्रभु जी कहते हैं - 'चलो ठीक है, उनको भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त होने का मैं वचन देता हूँ । अब तोमुझे घड़े से बाहर निकाल दो ।'अब कुम्हार कहता है - 'बस, प्रभु जी ! एक विनती और है । उसे भी पूरा करने का वचन दे दो तो मैं आपको घड़े सेबाहर निकाल दूँगा ।'भगवान बोले - 'वो भी बता दे, क्या कहना चाहते हो ?'कुम्भार कहने लगा - 'प्रभु जी ! जिस घड़े के नीचे आप छुपे हो, उसकी मिट्टी मेरे बैलों के ऊपर लाद के लायी गयी है ।मेरे इन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो ।'भगवान ने कुम्हार के प्रेम पर प्रसन्न होकर उन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त होने का वचन दिया ।'प्रभु बोले - 'अब तो तुम्हारी सब इच्छा पूरी हो गयी, अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो ।'तब कुम्हार कहता है - 'अभी नहीं, भगवन ! बस, एक अन्तिम इच्छा और है । उसे भी पूरा कर दीजिये और वो ये है - जो भी प्राणी हम दोनों के बीच के इस संवाद को सुनेगा, उसे भी आप चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करोगे। बस, यह वचन दे दो तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकाल दूँगा ।'कुम्हार की प्रेम भरी बातों को सुन कर प्रभु श्री कृष्ण बहुत खुश हुए और कुम्हार की इस इच्छा को भी पूरा करने कावचन दिया ।फिर कुम्हार ने बाल श्री कृष्ण को घड़े से बाहर निकाल दिया । उनके चरणों में साष्टांग प्रणाम किया । प्रभु जी केचरण धोये और चरणामृत पीया । अपनी पूरी झोंपड़ी में चरणामृत का छिड़काव किया और प्रभु जी के गले लगकरइतना रोये क़ि प्रभु में ही विलीन हो गये ।जरा सोच करके देखिये, जो बाल श्री कृष्ण सात कोस लम्बे-चौड़े गोवर्धन पर्वत को अपनी इक्क्नी अंगुली पर उठासकते हैं, तो क्या वो एक घड़ा नहीं उठा सकते थे ।लेकिन बिना प्रेम रीझे नहीं नटवर नन्द किशोर । कोई कितने भी यज्ञ करे, अनुष्ठान करे, कितना भी दान करे, चाहेकितनी भी भक्ति करे, लेकिन जब तक आपके दिल मे प्राणी के लिए दुख दर्द नही है तो प्रभु श्री कन्हा जी कीभक्ति व उनका दर्शन नही हो सकता ।

https://radheykrishnaaa.blogspot.com/

बोलो गोविन्द जय जय गोपाल जय जय!

!राधे राधे!

Follow me @Amazingarmaan

Sort:  

Congratulations @amazingarmaan! You received a personal award!

1 Year on Steemit

Click here to view your Board of Honor

Support SteemitBoard's project! Vote for its witness and get one more award!

Congratulations @amazingarmaan! You received a personal award!

Happy Birthday! - You are on the Steem blockchain for 2 years!

You can view your badges on your Steem Board and compare to others on the Steem Ranking

Vote for @Steemitboard as a witness to get one more award and increased upvotes!

Coin Marketplace

STEEM 0.22
TRX 0.20
JST 0.035
BTC 91157.44
ETH 3167.61
USDT 1.00
SBD 3.12