विनाश के बीज
मोह लोभ एवम अहंकार मानवता के विनास के कारण है ,मोह वास्तव में अपनी वस्तु छीन जाने का भय है ,लोभ जो प्राप्त हुआ उससे ज्यादा की चाह है जिसकी पूर्ति न होने से क्रोध उत्पन्न होता है क्रोध से विवेक का नाश होता है। अहम या में कुछ हु का भाव अहंकार है जिससे व्यक्तित्व का नाश होता है । ये तीनो मानवता के शत्रु है ।