Good morning message

in #motivational7 years ago

दर्द कागज़ पर,
मेरा बिकता रहा,
मैं बैचैन था,
रातभर लिखता रहा..
छू रहे थे सब,
बुलंदियाँ आसमान की,
मैं सितारों के बीच,
चाँद की तरह छिपता रहा..
दरख़्त होता तो,
कब का टूट गया होता,
मैं था नाज़ुक डाली,
जो सबके आगे झुकता रहा..
बदले यहाँ लोगों ने,
रंग अपने-अपने ढंग से,
रंग मेरा भी निखरा पर,
मैं मेहँदी की तरह पीसता रहा..
जिनको जल्दी थी,
वो बढ़ चले मंज़िल की ओर,
मैं समन्दर से राज,
गहराई के सीखता रहा..!!
Good morning dear friends

Coin Marketplace

STEEM 0.18
TRX 0.23
JST 0.033
BTC 96816.40
ETH 2703.24
SBD 0.43