महत्व सदा ही दुसरो से ज्यादा स्वयं .................
महत्व सदा ही दुसरो से ज्यादा स्वयं को देना क्योंकि अगर दुसरो को ज्यादा महत्व दोगे तो आत्मसम्मान खो देगो|'."
महत्व सदा ही दुसरो से ज्यादा स्वयं को देना क्योंकि अगर दुसरो को ज्यादा महत्व दोगे तो आत्मसम्मान खो देगो|'."