कहीं हम अक्ल के अंधे तो नहीं ? ? ?
सत्यता से आँखे मूँद कर .. महान बनने की चेष्ठा... राष्ट्र को.. समाज को... ऐसे दलदल मे ढकेल देती है कि आने वाली पीढीयाँ.. छटपटाती रह जाती है....
जब दस साल भारत के सर्वोच्च संवेधानिक पद "उपराष्ट्रपति" पर रहा आदमी शरिया की वकालत करता है... तो सोचो तुम्हारे आसपास जो हज़्ज़ाम.. पंचरवाले.... पुताई वाले... कारपेंटर..कसाई कैसे होंगें.....??
क्या होगी उनकी सोच....??
फिर इस जाहिल मौलाना कासिम ही क्या कहें... जिसने यही पढा है कि.. औरतें इन की खेती हैं... तिहरा तलाक़ , हलाला और औरतों को यतीम बनाना इन का पेशा... फिर ये महिलाओं से खुले आम मारपीट करता है... या मुस्लिम पर्सनल ला हिमा खुरैशी का हुक्का पानी बंद करने की घोषणा करता हैं.. तो
आश्चर्य कैसा....???
वास्तव मे मुस्लिम पर्सनल ला नामक आतंकी संगठन पर बेन लगना चाहिए.... मदरसों का पजामा छाप ज्ञान इन्हें इंसान नहीं रहने दे रहा..... अल्पसंख्यक का पाखंड..सेकुलरिज्म के सहयोग दिनदूनी रात चौगुनी उन्नति कर चुका है.....
जिस तरह चीन ने इनकी भगवा दाडी और काले तंबू पर बेन किया है... हमें उससे भी ज्यादा सख्ती करने की जरूरत है... सेक्यूलरिज्म की आड़ में अगर मीडिया चें चें करे कि.....
देश का अल्पसंख्यक असुरक्षित है... बहुसंख्यको ने असहिष्णुता की सीमाऐं लांघ दी...शरिया मे ये जायज है.... धर्म निरपेक्षता का नकाब अपने हिसाब से ओढे......
तो उसे भी सही भाषा मे समझाना अब बहुत जरूरी है....
और आप..??
आप अपनी संतानों को भारत मे आने वाली भावी परिस्थितियों से जूझना सिखाईये....उन्हें बताईये कि...अब ना संभले तो... भारत 2029 तक... सीरिया.. इराक.. कश्मीर.. बंगाल जैसा होगा....
25 % बन भी चुका है.. उन्हें कश्मीरी पंडितों.. अफगानी बौद्धों और पाकिस्तानी हिंदुओं की वर्तमान दुर्दशा दिखाइये....
विकास और पैसा ही सब कुछ नहीं होता....
वरना लाहौर.. कराची.. पेशावर और ढाका के तत्कालीन हिंदुओं... सिक्खों.. सिंधीयों से ज़्यादा अमनपसंद... खुशहाल और भाईचारे के कायल नहीं हैं हम...!!!