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RE: मन का माधुर्य : सेवा धर्म ( अंतिम भाग #२) | The melody of mind: service religion (Final Part # 2)
जीवन मे व्यक्ति सेवा करके सबकुछ प्राप्त कर सकता है। लेकिन वह सेवा छल कपट से स्वतंन्त्र होनी चाहिए। जीवन मे सबकुछ है अगर सेवा भाव है।
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