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RE: साधना में चरित्र का महत्त्व - भाग # १ | Importance of Character in Sadhana (Part # 1)
एक विचारक ने कहा है-’जब धन चला गया तो कुछ भी नहीं गया, जब स्वास्थ्य चला गया हो कुछ गया, जब चरित्र चला गया तो सब कुछ गया।’ मानव-जीवन का कुछ सार है तो वह है मनुष्य का चरित्र। चरित्र ही मनुष्य की सर्वोपरि सम्पत्ति है। स्वेट मार्डन ने लिखा है “संसार के व्यक्तियों की आवश्यकता है जो धन के लिए अपने आपको बेचते नहीं, जिनके रोम-रोम में ईमानदारी भरी हुई है, जिनकी अन्तरात्मा दिग्दर्शक यंत्र की सुई के समान एक उज्ज्वल नक्षत्र की ओर देखा करती है जो सत्य को प्रकट करने में क्रूर राक्षस का सामना करने से भी नहीं डरते, जो कठिन कार्यों को देखकर हिचकिचाते नहीं, जो अपने नाम का ढिंढोरा पीटे बिना ही साहसपूर्वक काम करते जाते हैं। मेरी दृष्टि में वे ही चरित्रवान आदमी हैं।”
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nice bhai