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RE: मन का माधुर्य : सेवा धर्म ( अंतिम भाग #२) | The melody of mind: service religion (Final Part # 2)
डॉ. रविशंकर जैसे लोग अब बहुत कम मिलते है, जो केवल समाज सेवा करना चाहते हैं, ना कि सिर्फ पैसे कमाना।
डॉ. रविशंकर जैसे लोग अब बहुत कम मिलते है, जो केवल समाज सेवा करना चाहते हैं, ना कि सिर्फ पैसे कमाना।