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RE: जिनवाणी : जीवन और आचरण -- भाग # २
बहुत सही कहा @mehta जी। व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए ना कि खुद उनके वश में हो। मनुष्य की असीमित इच्छाये ही उसके पतन का कारण बन सकती है। आपकी पोस्ट बहुत ज्ञानवधर्क है। आप इसी तरह के पोस्ट लिखते रहिये। धन्यवाद 🙏
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