independence day special

in #independence7 years ago

प्रेम वश में आकर प्रेमी के द्वारा प्रेमिका से चांद-तारे तोड़ लाने वाले वादे और नेताओं द्वारा चुनाव वश में घोषणापत्र में जनता से किये गए वादे एक समान होते हैं जो कभी पूरे नहीं हो सकते और न ही कभी पूरे होते हैं ,बस प्रेमिका और जनता को तसल्ली मिल जाती है कि चलो वादे तो किया।
नेता चुनावों में अक्सर कहते हैं अच्छे दिन आएंगे, अच्छे दिन आएंगे जबकि उन्हें खुद पता होता है 'घण्टा' हम ला पाएंगे। 'घण्टा' शब्द का प्रयोग कर लगा की मैं कितने निचले स्तर की भाषा का प्रयोग कर रहा हूँ , फिर ध्यान आया जिसके लिए कर रहा हूँ वे हैं ही इस लायक। किसी विदेशी बुद्धिजीवी ने कहा था कि यदि लोकतंत्र में जनता शिक्षित नहीं हुई तो लोकतंत्र भीड़तंत्र में बदल जाता है। यंहा तो अधिकतर नेताओं में ही शिक्षा का अभाव है।
मेंने देखा है देश की दो प्रमुख पार्टियों के बीच सामंजस्य बहुत ही बेहतरीन होता है। जब एक पार्टी सत्ता में आ जाती है तो वह अपने घोषणापत्र में किये गए वादों को पूरा नहीं करती ताकि अगले चुनाव में दूसरी पार्टी उन वादों को मुद्दा बना कर सत्ता में आ सके। ऐसा सांमजस्य वर्तमान में दो भाइयों के बीच भी देखने को नहीं मिलता है।
लोकतंत्र में प्रजा राजा होती है और नेता सेवक परंतु भारत में ये फार्मूला वोटिंग के दिन बस होता है। भारत की जनता सर्वशक्तिमान है, जब नाराज होती है तो सत्ता पलट देती है और पिछले 70 सालों से उसे किसी ने खुश नहीं कर पाया है इसलिए बस नाराज ही हो रही है।
नेता तरक्की पसंद होता है, ये बात अलग है कि उसे सिर्फ अपनी तरक्की पसंद होती है। मेरे हिसाब से नेताओं से विकास करवाने की उम्मीद करना और बनिया दोस्त से उधार के पैसे निकलवाना दोनों हि बहुत कठिन काम हैं।
हेरोइन के गालों से भी चिकने नेताओं के तलवे होते हैं, क्योंकि एक तो वो जमीन पर पैर नहीं रखते दूसरा उनके चमचे बहुत होते हैं। इस उपलब्धि के लिए चमचे सीना फुला भी सकते हैं।
! !इति श्री!!

Sort:  

Hi @theorignal , I upvoted and followed you, please do the same to me. We can do this on the future if it is possible.

Posted using Partiko Android

Coin Marketplace

STEEM 0.17
TRX 0.24
JST 0.034
BTC 98071.10
ETH 2717.33
SBD 0.63