My dairy by @muskanlodhi
नया दिन नई राह लेकर आया।
नई उमंग नया उत्साह लेकर आया।।
सुबह
- आज सुबह कुछ यू थी। की मेरा आखरी सावन का सोमवार था। और मेरा बिरत था ।और मुझे कही जाने का मन था ।पर कोई भी मंदिर जा नही सकी थी पर फिर में खाने में बड़ी बनाई । पर फिर में अपना मोबाइल चलाई और सुबह दोपहर में बदल गई देखते देखते । और फिर में बाहर निकल गई। घर से तैयार होकर ।
दोपहर
- आज में बहुत दिन के बाद अविनाश भैया के घर गई । वहा से में जल्दी घर अ गई थी। पता क्यो! क्योकी मुझे रानी दीदी ने कॉल किया की आज भरती का जन्म दिन हैं।तो अपनलोग गांव चले। तो में वहा से जल्दी आकर बेग लगाई और फिर सब तैयारी की जाने की और उसकी बस आने का इंतजार की क्योंकि वो इंदौर से अ रही थी भोपाल ।उसको आते आते शाम हो गई ।
शाम
- शाम के करीब 6:27 पर मैं भोपाल जैक्शन के लिए निकल गई थी। वहा जाकर मैं बैठ गई और दीदी को कॉल की तो पता चला कि । बस ट्रैफिक में फस गई थी।और वो एक घंटे लेट आई जब तक हमारी एक ट्रेन निकल चुकी थी ।और हम दूसरी ट्रेन का इंतजार करने लगे तो पता चला वो भी आधे घण्टे लेट है। घर जा नहीं सकते लोट के वापिस मम्मी डटती। और हम झूठ भी बोल दिए थे ।अ गई हैं ट्रेन और फस गए थे अब बस इंतजार ही था ।जैसे तैसे आई।
रात
- हम लोग ट्रेन में बैठ गए जो की हमको 8:33 पर हम विदिशा पहुंच गए । वहा भोला भैया अ गए थे लेने वो ऐसे गाड़ी चला रहे जैसे हवा में उड़ रही हो । डर भी लग रहा उनके साथ पर ठीक ठाक वो नो बजे के बाद पहुंचा दिए थे फिर हम लोग सबके साथ जन्मदिन मनाया। और 2बजे रात तक बात की बैठे और मेहंदी लगाई फिर सो गए।
दिन का खाश पल
- आज का खास पर था की सब लोग हम दोनों बहनों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे सारी बहने और भाई घर के लोग ।और सब से बात चीत की मस्ती की अच्छा लगा।
धन्यवाद।
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