तुम्हें बहुत दुःख हो, ....
तुम्हें बहुत दुःख हो,
उससे हटने का एक ही तरीका है -
उचित कर्म में उतर जाओ।
तुम्हारे सामने पहाड़ जैसी चुनौतियाँ,
समस्याएँ, दुःख खड़े हों,
तुम उचित कर्म करने लग जाओ।
भले ही वो उचित कर्म
उस पहाड़ के सामने छोटा-सा हो,
पर वो छोटा-सा उचित कर्म
पहाड़ जैसे दुःख पर भारी पड़ेगा!