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RE: SEC | S11W4-""""more freedom""""
@avinashgoyal, अविनाशजी आपने बहुत सुन्दर कविता लिखी है। सबसे पहले मै आपके पिताजी को इसका बहुमान देना चाहूँगा। क्युकी उन्होने आप को वह समझ दी है। जो आज कल मिलना मुश्किल है। क्या सोच है ,हर एक ने ऐसा सोचना चाहिए क्युकी प्रकृतिमे जो चीजे है वह कभी अतिरिक्त मांग नहीं करती है। जैसा ईश्वर ने रखा है वैसे ही रहते है। मगर मानव एक ऐसा है ,उसे हर एक चीज में एक अलग ही स्वतंत्रता चाहिए। इस कारण दुःख पाता है। और स्वतंत्रता ढूंढ़ता रहता है। बहुत अच्छा विचार।आपके इस कविता ने ,मुझे इस विचार के बारेमे सोचने को मजबूर किया। सुन्दर......
मेरी कविता के भाव को समझने के लिए और इतना सुंदर कॉमेंट करने के लिए मै आपका धन्यवाद करता हूँ।