नव वर्ष की शुरुआत
मेरी कुछ पंक्तियाँ:-
"वक्त है पहिया,घूमता ही रहेगा,
लोग बदले ना सही,वक्त है बदलता ही रहेगा,
किस्मत की लकीरे,जो पत्थर मान बैठे है,
ये नया साल मौका है,एक नयी लकीर खींचने का,
अबुझो को सुलझाने का.प्यार का,उन्माद का,
जश्न का,इबादत का,और फिर इम्तहान का,
मन में हौसला और दिलो में प्यार हो,
दरिया के नाव में चाहे,
ना कोई पतवार हो,
हौसला है साथ तो समंदर भी पार हो,
ख़ामोशी से जीने का फलसफा तो यही समझा,
ख़ुशी बाटो,ख़ुशी मिलेगी,गम बाटो गम
दो चार दिन की ये जिंदगानी यारा
कब तक मनाओगे गम.
नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाये I