Mind bird

in #hindi7 years ago

मन पक्षी

मन पंक्षी बोले मोहे जाना है एक दिन|

बीत रहे दिन जीवन के गिन गिन|

मन पंक्षी बोले… … .

क्षणभंगुर संसार में माया डाले हुए है डेरा|

मन पंक्षी तैयार खड़ा है बाधे माथे सेहरा|

कोई न जाने कब हो जाये मनवा एक दो तीन|

मन पंक्षी बोले… … .

मातु पिता अरु बंधु के रूप में बहुते खेल खेलावय|

आवत खूब हसांवत पंक्षी जावत खूब रुलावय|

यही रीति है एक दिन सबकुछ जाइहै तुमसे छिन|

मन पंक्षी बोले… … .

श्यामल गौर कृष्ण कंचन विविध रूप धरे रे|

कह 'सचेन्द्र' माटी के देहिया काहे रौब करे रे|

पंचतत्व क बनल खिलौना पंच मे होई विलीन|

मन पंक्षी बोले… … .



20180920_113455_0001.png

Coin Marketplace

STEEM 0.13
TRX 0.24
JST 0.030
BTC 83404.52
ETH 1567.16
USDT 1.00
SBD 0.79