आपने बहुत अच्छा लिखा है।
किसी विदेशी भाषा बोलने में कोई गलती हो तो शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए क्योंकि विदेशी भाषा में कोई निपुण नहीं हो सकता पर अगर मातृभाषा बोलने-लिखने में गलती हो तो यह सबसे बड़ी शर्म की बात हैं।
आपने बहुत अच्छा लिखा है।
किसी विदेशी भाषा बोलने में कोई गलती हो तो शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए क्योंकि विदेशी भाषा में कोई निपुण नहीं हो सकता पर अगर मातृभाषा बोलने-लिखने में गलती हो तो यह सबसे बड़ी शर्म की बात हैं।
ठीक कहा। पर गलती करना तो इंसान की फितरत है! 😉