'आत्म ज्ञान की तलवार से काटकर अपने हृदय से अज्ञान के संदेह को ...........
'आत्म ज्ञान की तलवार से काटकर अपने हृदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो, अनुशासित रहो, उठो और कार्य करो" श्रीम.द्रगवद्दीता'."
'आत्म ज्ञान की तलवार से काटकर अपने हृदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो, अनुशासित रहो, उठो और कार्य करो" श्रीम.द्रगवद्दीता'."