International Yoga Day 2018: विद्यार्थियों के लिए कारगर हैं ये योग, मिलेगी अपार सफलता
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21, जून 2018) (International Yoga Day 2018) के मौके पर हम आपको योग के महत्व और उससे होने वाले लाभ के बारे में बता रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 का मुख्य कार्यक्रम देहरादून में होगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी योग करें। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हरिभूमि अापके लिए स्पेशल रिपोर्ट पेश कर रहा है।
योग एक ऐसी विधा है जिससे न केवल जवान और बड़ी उम्र के लोग लाभ उठा सकते हैं बल्कि यह विद्यार्थियों के लिए भी काफी उपयोगी है। आज के युग में आम लोगों की तरह विद्यार्थी भी तनाव के शिकार हैं।
कहीं देर तक स्कूल में डेस्क पर बैठे रहना उन्हें तकलीफ देता है तो कहीं कंप्यूटर मॉनीटर पर काम करना उन्हें परेशान करता है। स्कूल से आने के बाद होम वर्क का बोझ और घर के लोगों का लगातार आगे बढ़ने का दबाव, विद्यार्थियों को परेशान किए रहता है।
ऐसे में भारत में प्राचीन काल से चली आ रही योग विद्या उन्हें राहत प्रदान करती है। तनाव, सिरदर्द, अनिद्रा व बेचैनी आदि को दूर करने में योग काफी प्रभावी सिद्ध होता है।
योगासन को अभ्यास रूप में नियमित रूप से करने से विद्यार्थियों का इन सबसे फायदा मिलता है और ब्रेन का विकास भी होता है। आइए, इस बारे में लेते हैं योगाचार्यों की सलाह-
सिरदर्द
काम के दबाव में अक्सर विद्यार्थियों को माइग्रेन की शिकायत हो जाती है। इस स्थिति में उन्हें वज्रासन, भुजंगासन, धनुरासन, सूर्य नमस्कार जैसे आसन करना चाहिए। इन आसनों को करने से सिरदर्द स छुटकारा मिलना आसान है।
अनिद्रा
शारीरिक परिश्रम औ मानसिक तनाव के कारण विद्यार्थियों को अनिद्रा की शिकायत होती है। योग व ध्यान से मानसिक तनाव व चिंता कम होती है और अनिद्रा दूर होती है। अनिद्रा को दूर करने में षटकर्म आसन, ताड़ासन, शलभासन, हलासन, कपालभाति आसन प्रभावी सिद्ध हाती है।
पीठ दर्द
स्कूल में देर तक डेस्क पर बैठे रहने से पीठ दर्द की शिकायत होती है जिसे दूर करने में मकरासन, भुजंगासनशवासन, वीरासन, मेरू वक्रासन, धनुरासन आदि लाभदायक साबित होता है। इन आसनों को करने से न सिर्फ रीढ़ की हड््िडयों को मजबूती मिलती है बल्कि पूरे शरीर को लाभ मिलता है।
योग के फायदे
योग का प्रयोग शारीरिक, मानसिक और आध्यत्मिक लाभों के लिए हमेशा से होता रहा है।
आज की चिकित्सा शोधों ने ये साबित कर दिया है कि योग शारीरिक और मानसिक रूप से मानवजाति के लिए वरदान है।
जहां जिम आदि से शरीर के किसी खास अंग का ही व्यायाम होता है वहीं योग से शरीर के समस्त अंग प्रत्यंगों, ग्रंथियों का व्यायाम होता है जिससे अंग प्रत्यंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं।
योगाभ्यास से रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। बुढ़ापे में भी जवान बने रह सकते हैं।
त्वचा पर चमक आती है। शरीर स्वस्थ, निरोग और बलवान बनता है।
जहां एक तरफ योगासन मांस पेशियों को पुष्टता प्रदान करते हैं जिससे दुबला पतला व्यक्ति भी ताकतवर और बलवान बन जाता है।
वहीं दूसरी ओर योग के नित्य अभ्यास से शरीर से फैट कम भी हो जाता है। इस तरह योग कृष और स्थूल दोनों के लिए फायदेमंद है।
योगासनों के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है, जिससे तनाव दूर होकर अच्छी नींद आती है।
भूख अच्छी लगती है और पाचन भी सही रहता है।
ये रिपोर्ट मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के योगाचार्य उदयजी से बातचीत पर आधार पर तैयार की गई है।