Car Driver Aur Bujurg Mahila | Cab Driver And Old Lady | कार ड्राइवर और बूढ़ी महिला |
एक सुनील नाम का कैब ड्राइवर था जो ड्राइविंग करके अपना और अपने परिवार का गुजारा किया करता था
रात के अंधेरे में कैब ड्राइवर ने एक बुजुर्ग महिला यात्री को उठाया। जो बिल्डिंग के बाहर एक सूटकेस लेकर खड़ी थी। वह उसे देखकर मुस्कुराया और उसे कार तक ले गया और उसका सूटकेस कैब की डिक्की में रख दिया।
जैसे ही वे ड्राइव करने लगा तो उसने महिला पूछा कि वह कहाँ जाना चाहती है...
उसे पता बताने के बाद महिला ने पूछा...क्या हम वहां जाने के लिए शहर से होकर जा सकते हैं?
यह लंबा रास्ता होगा... कैब ड्राइवर ने कहा।
महिला मुस्कुराई...मुझे कोई आपत्ति नहीं है, मैं आज रात कलकत्ता जा रही हूं।
कैब ड्राइवर ने पीछे के शीशे में देखा। उसकी आँखें चमक रही थीं...मेरा कोई परिवार नहीं बचा... महिला ने कहा।
डॉक्टर कहते हैं कि मेरे पास ज्यादा समय नहीं है।
कैब ड्राइवर चुपचाप हो गया और उसने मीटर बंद कर दिया।
कैब ड्राइवर ने महिला के साथ पाँच घंटे तक गाड़ी चलाई और महिला ने कैब ड्राइवर को विभिन्न इमारतें दिखाईं जहां वह पली-बढ़ी थी, जहां उसने काम किया था, जहां वह अपने पति से मिली थी।
जैसे ही सूरज उगने लगा, वे कलकत्ता के बाहर रुक गए जहाँ दो अर्दलियों ने उनका स्वागत किया। और कैब ड्राइवर उसका सूटकेस उसके पास ले गया और वह पहले से ही व्हीलचेयर पर बैठने के लिए बैठी थी।
मुझ पर आपका कितना एहसान है?....बुजुर्ग महिला कहा।
कैब ड्राइवर ने कहा..एहसान कुछ भी नहीं। यह तो मेरी नोकरी है
अब मुझे चलना चाहिए, अन्य यात्री भी हैं... कैब ड्राइवर ने जवाब दिया।
कैब ड्राइवर ने झुककर बूढ़ी औरत के पाव छुए और बूढ़ी औरत ने उसे गले लगा लिया। उसने उसे कस कर पकड़ लिया.
यह बूढ़ी औरत के लिए खुशी का एक छोटा सा क्षण था
थोड़ा रुकने के बाद कैब ड्राइवर ने हाथ जोडे.... और अपने रास्ते चल दिया
जिन लोगों से हम मिलते हैं उनकी कहानियाँ हमें कभी पता नहीं चलतीं। दुनिया में बदलाव लाने के लिए बस थोड़ी सी दयालुता और प्यार की जरूरत है।