सोमवार को शिव के अलग अलग स्वरुप की करें पूजा, सभी तरह की इच्छाए होगी पूरी
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है व इस दिन सभी लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं। भोलेनाथ अपने नाम के अनुसार भोले हैं, यदि शिवलिंग पर पूरी श्रृद्धा-भक्ति से एक लोटा जल चढ़ा दें तो भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। शिव पूजा बहुत ही सरल होता है सच्चे मन से पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिव पूजा सामान्यत: शिवलिंग के रूप में की जाती है। लेकिन भगवान शिव की प्रतिमा का पूजन करने का भी अपना अलग ही महत्व है। भोलेनाथ की अलग-अलग प्रतिमाओं का ध्यान करने से विभिन्न प्रकार के फल मिलते हैं।
पुराणों के अनुसार भगवान शिव की विभिन्न मूर्तियों के पूजन के बारे में बताया गया है। आइए बताते है की शिव प्रतिमा के कौन से स्वरूप की पूजा करने से कौन सी मनोकामना पूरी होती है।
सुंदर पत्नी और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए
सोमवार के दिन भगवान शिव की अर्द्धनारीश्वर मूर्ति की पूजा करने से अच्छी पत्नी और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। अर्द्धनारीश्वर मूर्ति में भगवान शिव और माता पार्वती का आधा स्वरुप होता है।संतान सुख के लिए
संतान पाने की मनोकामना के लिए व्यक्ति को भगवान शिव माता पार्वती की बैल पर बैठी हुई मूर्ति की अर्चना करना चाहिए। इससे उसकी संतान पाने की इच्छा पूरी होती है।सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
कार्तिकेय के साथ भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। सुख-सुविधा की सभी वस्तुएं प्राप्त होती हैं और जीवन का संपूर्ण सुख मिलता है।बीमारियों से मुक्ति और अच्छी सेहत के लिए
जिस मूर्ति में भगवान शिव एक पैर, चार हाथ और तीन नेत्रों वाले और हाथ में त्रिशूल लिए हुए हों और जिनके उत्तर दिशा में भगवान विष्णु और दक्षिण दिशा में भगवान ब्रह्मा की मूर्ति हो, ऐसी मूर्ति की पूजा करने से व्यक्ति सभी रोगों से मुक्त होता है।अन्न प्राप्ति के लिए
जिस प्रतिमा में भगवान शिव तीन पैरों, सात हाथों और दो सिरों में अग्निस्वरुप में हों ऐसी मूर्ति की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को अन्न की प्राप्ति होती है।विद्या और ज्ञान प्राप्ति के लिए
जो व्यक्ति विद्या और ज्ञान की प्राप्ति करना चाहते हैं। वे भगवान शिव की उपदेश देने वाली स्थिति में बैठे भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करें। लाभ मिलेगा।मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए
नन्दी और माता पार्वती के साथ सभी गणों से घिरे हुए भगवान शिव की ऐसी मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए
चार हाथों और तीन नेत्रों वाली, गले में सांप और हाथ में कपाल धारण किए हुए, भगवान शिव की सफेद रंग की मूर्ति की पूजा करने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।सभी परेशानियों को खत्म करने के लिए
काले रंग की, लाल रंग के तीन नेत्रों वाली, चंद्रमा को गले में आभूषण की तरह धारण किए हुए, हाथ में गदा और कपाल लिए हुए शिव मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य की सभी परेशानियों खत्म हो जाती है। रुके हुए काम पूरे हो जाते है।परिवार के झगड़े व कलह खत्म करने के लिए
जटा में गंगा और सिर पर चंद्रमा को धारण किए हुए, बाएं ओर गोद में माता पार्वती को बैठाए हुए और पुत्र कार्तिकेय और गणेश के साथ स्थित भगवान शिव की ऐसी मूर्ति की पूजा करने से घर-परिवार के झगड़े खत्म होते है और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है।शत्रुओं पर विजय पाने के लिए
भोलेनाथ जिस मूर्ति में दैत्य निकुंभ की पीठ पर बैठे हुए, उसकी पीठ पर दाएं पैर रखे हुए हो और जिनके बाईं ओर पार्वती हों। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है।