Beautiful thought
खुद में महान होने के भाव का पालन करते लोग बहकावे की धारा में आसानी से शामिल हो जाते हैं ये कभी भी किसी के प्रति सच्चे मन से समर्पित नहीं होते इनके अंदर दूसरे व्यक्ति को दोयम दर्जे का समझने की मानसिक बिमारी जड़ जमाए रहती है परिणामस्वरूप न ये किसी को अपनत्व दे पाते हैं न किसी के साथ तादात्म्य स्थापित कर पाते हैं आजीवन एकाकी रह जाते हैं।