Inspirational Success Story In Hindi and English । किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता।
Hello friends, I hope you all are good. Friends, some people are proud of this. That if they will not be involved in this work, then this will not work. That is, they can not work without them. But there is absolutely no truth in this matter. Let me tell you an inspirational story to explain this thing in a good way . (Inspirational Success Story in Hindi. No one's work stops without anyone.)
English translation in after Hindi story so check it
Hello दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप सभी अच्छे होंगे। दोस्तों कुछ लोगों को ये अभिमान हो जाता है। की अगर वे इस काम में involve नहीं होंगे, तो ये काम नहीं होगा। यानी की उनके बिना काम नहीं किया जा सकता। लेकिन इस बात में जरा सी भी सच्चाई नहीं है। इस बात को अच्छे तरिके से समझाने के लिए मैं आपको एक Inspirational Story सुनाता हूँ। (Inspirational Success Story in Hindi । किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता।)
एक बार की बात है एक परिवार के मुखिया को यह अभिमान हो गया की उसके बिना परिवार का गुजारा नहीं हो सकता क्योकि घर में वो ही अकेला इंसान था। जो कमाता था। एक दिन गाँव में एक महात्मा आये। वह आदमी भी महात्मा की बातो को सुनने के लिए चला गया।
वह महात्मा सभी को बता रहे थे। इस दुनिया में किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता। लेकिन फिर भी कुछ लोग अभिमान करते है की उनके बिना उनका परिवार और समाज रुक जायेगा। भगवान सभी को उनके भाग्य के अनुसार देता है।महात्मा की बात खत्म होने के बाद सभी लोग वहाँ से चले गये। वह आदमी महात्मा के पास जाकर बोला – मैं अपने घर में अकेला कमाने वाला हूँ। मैं जो कमाकर लाता हूँ। उसी से मेरे परिवार का गुजारा होता है। अगर मैं ही नहीं रहूँगा तो मेरा घर कैसे चलेगा। महात्मा में कहा – तुम गलत सोचते हो। इस दुनिया में मौजूद हर इंसान को उसके भाग्य के अनुसार ही मिलता है। यह सुनकर वह आदमी बोला – मैं इस बात को नहीं मानता।
उस महात्मा ने कहा – तुम ऐसा करो बिना किसी को बताए। कुछ दिनों के लिए गायब हो जाओ, और फिर तुम अपने आप ही देख लेना की तुम्हारे बिना कोई काम रुकता है या नहीं।
उस आदमी ने ऐसा ही किया और वह कुछ दिनों के लिए शहर चला गया। उसके जाने के बाद उस महात्मा ने गाँव में बात फैला दी की उस आदमी को शेर ने अपना शिकार बना लिया। जब पुरे गाँव में ये बात फैल गयी तो उस परिवार की मदत के लिए गाँव के लोग आगे आये
उस आदमी का एक बेटा था। जिसे एक सेठ ने अपने यहाँ नौकरी पर रख लिया। उसकी एक बेटी भी थी। सभी गाँव वालो ने मिलकर उसकी बेटी की शादी भी करवा दी, और कुछ दिनों बाद सब वैसा ही हो गया। जैसा की पहले था। एक रात को चुपके से वह व्यक्ति अपने घर पहुँचा। उसने देखा की सभी लोग बहुत ही खुश थे और सुखी जीवन जी रहे थे। उस व्यक्ति ने अपने परिवार से माँफी मांगी, और कहा की मैं गलत था। आज मेरा घमंड चूर चूर हो गया।
In English
It is a matter of time that the head of a family became proud that without him the family could not live because he was the only person in the house. Who was earning One day a Mahatma came in the village. The man also went to listen to the message of the Mahatma.
That Mahatma was telling everyone. In this world, nobody's work stops without anyone . But still some people are proud that their family and society will stop without him. God gives to everyone according to their destiny.
After the talk of Mahatma ended, all the people left from there. The man went to the Mahatma and said - I am going to earn my house alone. Which I earn by earning. That is where my family lives. If I do not stay then how will my house run? Said in the Mahatma - you think wrong. Every person present in this world gets it according to his destiny. He heard that man - I do not believe this.
That Mahatma said - Do it without telling anyone. Go missing for a few days, and then you see yourself doing any work without you or not.
That man did the same and he went to the city for a few days. After that, that Mahatma spread the word in the village that the lion made his victim his victim. When this talk spread all over the village, the people of the village came forward to help the family.
That man had a son. One Seth has put himself at work here. He had a daughter too. All the villagers joined together to get her daughter married, and after a few days everything became like that. As was the case before. One person secretly reached his house at night. He saw that all the people were very happy and were living a happy life. That person apologized to his family, and said that I was wrong. Today my pride became shattered.
Thanks friends for read it support me
Good post .. but don't copy paste content.. you will barred by cheetah or steemcleaner ..so make original post
Thanks bro I will post in original content thanks for suggestion keep support
एक घर के मुखिया को यह अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता। उसकी छोटी सी दुकान थी। उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था। चूंकि कमाने वाला वह अकेला ही था इसलिए उसे लगता था कि उसके बगैर कुछ नहीं हो सकता। वह लोगों के सामने डींगें हांका करता था।
एक दिन वह एक संत के सत्संग में पहुंचा। संत कह रहे थे, “दुनिया में किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता। यह अभिमान व्यर्थ है कि मेरे बिना परिवार या समाज ठहर जाएगा। सभी को अपने भाग्य के अनुसार प्राप्त होता है।” सत्संग समाप्त होने के बाद मुखिया ने संत से कहा, “मैं दिन भर कमाकर जो पैसे लाता हूं उसी से मेरे घर का खर्च चलता है। मेरे बिना तो मेरे परिवार के लोग भूखे मर जाएंगे।” संत बोले, “यह तुम्हारा भ्रम है। हर कोई अपने भाग्य का खाता है।” इस पर मुखिया ने कहा, “आप इसे प्रमाणित करके दिखाइए।” संत ने कहा, “ठीक है। तुम बिना किसी को बताए घर से एक महीने के लिए गायब हो जाओ।” उसने ऐसा ही किया। संत ने यह बात फैला दी कि उसे बाघ ने अपना भोजन बना लिया है।
मुखिया के परिवार वाले कई दिनों तक शोक संतप्त रहे। गांव वाले आखिरकार उनकी मदद के लिए सामने आए। एक सेठ ने उसके बड़े लड़के को अपने यहां नौकरी दे दी। गांव वालों ने मिलकर लड़की की शादी कर दी। एक व्यक्ति छोटे बेटे की पढ़ाई का खर्च देने को तैयार हो गया।
एक महीने बाद मुखिया छिपता-छिपाता रात के वक्त अपने घर आया। घर वालों ने भूत समझकर दरवाजा नहीं खोला। जब वह बहुत गिड़गिड़ाया और उसने सारी बातें बताईं तो उसकी पत्नी ने दरवाजे के भीतर से ही उत्तर दिया, ‘हमें तुम्हारी जरूरत नहीं है। अब हम पहले से ज्यादा सुखी हैं।’ उस व्यक्ति का सारा अभिमान चूर-चूर हो गया।
संसार किसी के लिए भी नही रुकता!! यहाँ सभी के बिना काम चल सकता है संसार सदा से चला आ रहा है और चलता रहेगा। जगत को चलाने की हाम भरने वाले बडे बडे सम्राट, मिट्टी हो गए, जगत उनके बिना भी चला है। इसलिए अपने बल का, अपने धन का, अपने कार्यों का, अपने ज्ञान का गर्व व्यर्थ है।
Yes bro