Kabira Khada Bazaar Mein Synopsis (Part 1)
कबीरा खड़ा बाजार में एक कहानी है जिसका मैंने सिर्फ पहला एक्ट पढ़ा है | इस कहानी में सबसे जरूरी किरदार है कबीरा मगर अभी तक कहानी में उसका सिर्फ ज़िकर हुआ है | अभी तक मैंने कहानी मैं मिला भी नहीं हूँ मगर बाकी सारे किरदार जैसे की नूरा, नीमा, और जुलाहा सिर्फ कबीरा की बात करते है | यह कहानी काफी अलग है क्यूंकि ये एक नाटक है और पूरी कहानी सिर्फ संवादों और मंच निर्देशन में है | इसलिए कहानी किरदारों पे ज़्यादा ध्यान देती है न की सेटिंग या कुछ और |
कहानी का सारांश (एक्ट १)
जुलाहा ने कबीरा को पीटते हुए देखा और उसके पिता , नूरा को बताया की कबीरा के साथ क्या हुआ | नीमा, कबीरा की माँ है और वो सुन लेती है और नूरा को कहती है के वह ठाणे जा कर रिपोर्ट लिखवाइए |
@renutyagi, Sounds interesting Story, and Drama series have it's own storytelling essence.
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