vivek420 (30)in #thanks • 4 years agoShyriनज़रे करम मुझ पर इतना न कर, की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं, मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की, मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।